लल्लन तिवारी के कॉलेज में चल रहे भ्रष्टाचार का एसीबी ने किया भांडाफोड़ !



मिरा रोड़ : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की एक टीम ने बुधवार को राहुल एजुकेशन द्वारा संचालित के.एल. तिवारी कॉलेज के प्रिंसिपल सहित दो लोगों को कथित तौर पर 15 हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में हिरासत में लिया है। सह संचालक तकनीकी शिक्षा संभाग कार्यालय , बांद्रा (मुंबई) से परमिशन दिलवाने के एवज में रिश्वत की मांग की गई थी। तकनीकी शिक्षा संभाग कार्यालय के सह संचालक को भी उनके कार्यालय से हिरासत में लिया गया है। एसीबी अधिकारियों ने हिरासत में लिए गए लोगों से 3,15,000 रुपये नकद भी बरामद किए, जो उन्होंने इस मामले में शिकायतकर्ता सहित 11 छात्रों से एकत्र किए थे। ज्ञात रहे कि राहुल एजुकेशन नामक शिक्षा संस्था के संस्थापक अध्यक्ष लल्लन तिवारी है। कयास लगाया जा रहा है कि राहुल एजुकेशन द्वारा संचालित इंजीनियरिंग , लॉ , डिग्री जैसी अन्य कॉलेज में भी कड़ी जांच होने पर अनियमितता पायी जा सकती है। 

दरअसल, मिरा रोड़ स्थित अस्मिता कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर नामक शिक्षा संस्था में एक विद्यार्थी आर्किटेक्चर की पढ़ाई कर रही थी। कॉलेज बंद हो जाने के कारण उक्त विद्यार्थी ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए मिरा रोड के कनकीया परिसर में स्थित के.एल. तिवारी आर्कीटेक्चर कॉलेज नामक शिक्षा संस्थान से संपर्क किया। तिवारी कॉलेज की प्रिंसिपल ने बताया कि कॉलेज में प्रवेश के लिए संस्था और पाठ्यक्रम में परिवर्तन के संबंध में सह संचालक तकनीकी शिक्षा संभाग कार्यालय , बांद्रा (मुंबई) की परमिशन प्राप्त करनी होगी। प्रकिया के लिए विद्यार्थी से 30 हजार रुपये की मांग की गई।

तकनीकी शिक्षा संभाग कार्यालय (मुंबई) एक सरकारी कार्यालय है। एक सरकारी कार्यालय से अनुमति हासिल करने के लिए निजी कॉलेज के प्रिंसिपल द्वारा 30 हजार रुपयों की मांग की गई थी मांगी गई रिश्वत में उस सरकारी विभाग में बैठे अधिकारी का भी हिस्सा था, इसलिए इसकी शिकायत विद्यार्थी के परिजनों ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से की थी। शिकायत का तुरंत संज्ञान लेते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने तिवारी कॉलेज में अपना जाल बिछा दिया था। 

तिवारी कॉलेज की प्रिंसिपल ने घुस की रक्कम कॉलेज के कार्यालयीन अधीक्षक संतोष हुबाले को सौंपने कहा था। हुबाले के कहने पर घुस की रक्कम 30 हजार में से 15 हजार रुपये वरिष्ठ लिपिक श्रेया संतोष बने नामक महिला को दी गई। पैसे स्वीकार ने के बाद तूरंत ही एन्टी करप्शन विभाग के अधिकारियों ने संबंधितों के विरुद्ध अपनी कार्यवाही शुरू कर दी। 

एसीबी ने कहा कि पूछताछ और छापेमारी के दौरान पता चला कि ठीक इसी प्रकार तकनीकी शिक्षा संभाग कार्यालय के परमिशन के लिए आरोपी ने  14 विद्यार्थियों से प्रति विद्यार्थी 30 हजार रुपये के अनुसार 4 लाख 20 हजार रुपये की मांग की थी। इनमें से 10 विद्यार्थियों के 30 हजार रुपये के हिसाब से 3 लाख रुपये और एक विद्यार्थी के 15 हजार रुपये , ऐसे कुल 3 लाख 15 हजार रुपये सभी विद्यार्थियों के नाम सहित पूर्ण लिस्ट भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारियों द्वारा जब्त की गई है।

पुलिस उपाधीक्षक (ठाणे एसीबी) अश्विनी पाटिल ने एक विज्ञप्ति में कहा कि मीरा भायंदर-वसई विरार पुलिस आयुक्तालय के अंतर्गत मीरा रोड पुलिस थाने में तिवारी कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर की प्रिंसिपल रुपाली हितेंद्र गुप्ते (50 वर्ष) , कार्यालय अधीक्षक संतोष रंगराव हुबाले (45 वर्ष) , वरिष्ठ लिपिक श्रेया संतोष बने (46 वर्ष) और लोकसेवक जितेंद्र रामदासजी निखाड़े (54 वर्ष), सह संचालक तकनीकी शिक्षा संभाग कार्यालय , बांद्रा (मुंबई) , के खिलाफ अपराध दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है।

यह तो सिर्फ एक कॉलेज का मामला था, ऐसे नजाने कितने कॉलेजों में भ्रष्टाचार की जड़ जमी होगी। जांच होने पर एक बड़ा रैकेट का खुलासा होने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस उपाधीक्षक (ठाणे एसीबी) अश्विनी पाटिल ने जनता से अपील की है कि यदि ऐसे कोई भी व्यक्ति आप से रिश्वत की मांग करें तो आप तुरंत इसकी सूचना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को दे।